1) ईरान (Iran) के लिए “अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश-द्वार” के नाम से सम्बोधित की जाने वाली व भारत द्वारा निर्मित की जाने वाली चाबहार बंदरगाह परियोजना (Chabahar Port Project) के पहले चरण के तहत किस छोटे बंदरगाह का उद्घाटन 3 दिसम्बर 2017 को ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने किया? – शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह (Shahid Beheshti Port)
विस्तार: ईरान के दक्षिण-पूर्व स्थित प्रांत सिस्तान-बलुचेस्तान (Sistan-Baluchestan) में भारत के सहयोग से बनवाई जा रही चाबहार बंदरगाह परियोजना (Chabahar Port Project) इस क्षेत्र के लिए एक बेहद महात्वाकांक्षी तथा रणनीतिक परियोजना है तथा इसे चीन द्वारा पाकिस्तान में बनाए जा रहे ग्वादर (Gwadar) बंदरगाह के मुख्य प्रतिद्वन्दी बंदरगाह के तौर पर देखा जा रहा है। चाबहार से भारत को जहाँ ईरान के रास्ते अफगानिस्तान से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित कर इसके लिए पाकिस्तान को अनदेखा करने का मौका मिलेगा वहीं ईरान के लिए इस बंदरगाह के छोटे रास्ते से यूरोप और तमाम पश्चिमी देशों को सामान भेजना और मंगाना संभव हो जायेगा।
– चाबहार परियोजना के पहले चरण के तहत शाहिद बेहेश्ती (Shahid Beheshti) नामक एक छोटे बंदरगाह का उद्घाटन ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी (Iranian President Hassan Rouhani) ने 3 दिसम्बर 2017 को किया।
– उल्लेखनीय है कि चाबहार ईरान का एकमात्र बंदरगाह शहर है तथा इस वृहद बंदरगाह के तहत दो छोटे बंदरगाह आते हैं – शाहिद बेहेश्ती (Shahid Beheshti) और शाहिद कलंतरी (Shahid Kalantari)। परियोजना के पहले चरण के तहत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के उद्घाटन से यहाँ की माल ढोने की क्षमता तीन गुना बढ़कर 85 लाख टन हो गई है तथा अब यहाँ से भारी-भरकम मालवाहक जहाजों का संचालन किया जा सकेगा।
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2) वेनेज़ुएला (Venezuela) की सरकार ने एक नई वर्चुअल मुद्रा (virtual currency) शुरू करने की घोषणा 3 दिसम्बर 2017 को की जिसको देश की समृद्ध प्राकृतिक संपदाओं का समर्थन प्रदान किया जायेगा। इस प्रस्तावित वर्चुअल मुद्रा को क्या नाम दिया गया है? – “पेट्रो” (‘Petro’)
विस्तार: पिछले काफी समय से आर्थिक दुश्वारियाँ झेल रहे लैटिन अमेरिकी देश वेनेज़ुएला (Venezuela) ने 3 दिसम्बर 2017 को एक नई वर्चुअल मुद्रा “पेट्रो” (‘Petro’) जारी करने की घोषणा की जिसको देश की प्राकृतिक संपदाओं द्वारा समर्थन प्रदान किया जायेगा। वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मडुरो (President Nicolas Maduro) द्वारा की गई इस घोषणा में कहा गया कि “पेट्रो” के क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) होगी तथा इसको सरकार तेल, गैस, स्वर्ण और हीरे के भण्डारों के द्वारा समर्थन प्रदान करेंगी।
– राष्ट्रपति मडुरो की इस घोषणा से स्पष्ट हो गया कि इसी वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वेनेज़ुएला पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबन्धों ने देश की स्थिति को खासी चोट पहुँचाई है तथा उसे अब अंतर्राष्ट्रीय बैंकों की मदद नहीं मिल रही है। उल्लेखनीय है कि देश की वास्तविक मुद्रा “बोलीवार” (“Bolivar”) है तथा इसकी कीमत में भारी गिरावट के कारण वेनेज़ुएला की आर्थिक साख खासी प्रभावित हुई है। देश को भोजन और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
– पेट्रो “बिटक्वाइन” (‘Bitcoin’) की तरह से क्रिप्टोकरेंसी होगी। ऐसी वर्चुअल मुद्राओं को अधिकतर स्थितियों में किसी देश की सरकार अथवा केन्द्रीय बैंक का समर्थन नहीं मिलता है। लेकिन वेनेज़ुएला “पेट्रो” के द्वारा अमेरिकी मुद्रा डॉलर पर अपनी निर्भरता को भी कम करना चाहता है।
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3) हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध अभिनेता शशि कपूर (Shashi Kapoor) का 4 दिसम्बर 2017 को 79 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया। वे हिंदी फिल्मों के पितामाह माने जाने वाले पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे पुत्र थे तथा अंग्रेजी फिल्मों में काम करने वाले कुछ सर्वप्रथम भारतीय अभिनेताओं में से एक थे। उन्हें भारतीय फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान “दादा साहेब फाल्के पुरस्कार” किस वर्ष प्रदान किया गया था? – 2015 में
विस्तार: शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर पृथ्वीराज कपूर (Balbir Prithviraj Kapoor) था। वे हिंदी फिल्मों के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक थे तथा उन्होंने कुल 116 हिंदी फिल्मों में काम किया। इनमें से 61 में वे बतौर मुख्य अभिनेता पर्दे पर आए थे। उन्होंने अपने अभिनय जीवन की शुरूआत बाल कलाकार के तौर पर की थी तथा 1948 की फिल्म “आग” और 1951 की “आवारा” उनकी सबसे चर्चित फिल्में थीं।
– बतौर अभिनेता वे 1961 की फिल्म “धर्मपुत्र” में आए थे। उनके शानदार करियर की कुछ सबसे सफल फिल्में थीं – “नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे”, “जब जब फूल खिले”, “हसीना मान जायेगी”, “प्यार का मौसम”, “राजा साहब”, “जानवर और इंसान”, “मि. रोमियो”, “आ गले लग जा”, “चोरी मेरा काम” “जुनून”, “कलयुग” और “पिघलता आसमान”। 1998 में “जिन्ना” और “साइड स्ट्रीट्स” में काम करने के बाद उन्होंने अभिनय छोड़ दिया था।
– उन्होंने फिल्म निर्माण में भी नाम कमाया। उनकी बनाई गई कुछ प्रमुख फिल्में हैं – “जुनून” (1978), “कलयुग” (1981), “36 चौरंगी लेन” (1981), “विजेता” (1982), “उत्सव” (1984) और “अजूबा” (1991)।
– शशि कपूर ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर द्वारा 1942 में शुरू किए गए “पृथ्वी थियेटर” (‘Prithvi Theatre’) को नवम्बर 1978 में एक बार फिर शुरू कर इसे भारतीय रंगमंच का प्रमुख केन्द्र बनाया था। इसको शुरू करने में उनकी पत्नी जेनिफर ने भी अहम योगदान दिया था।
– फिल्मों और रंगमंच के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2011 में देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान “पद्म भूषण” (‘Padma Bhushan’) प्रदान किया गया था जबकि भारतीय फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान “दादा साहेब फाल्के” उन्हें वर्ष 2015 में दिया गया था।
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4) प्रमुख भारतीय सॉफ्टवेयर कम्पनी इन्फोसिस (Infosys) ने किसे 2 दिसम्बर 2017 को कम्पनी का अगला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नामित किया? – सलिल पारिख (Salil Parekh)
विस्तार: दिग्गज भारतीय आईटी कम्पनी इन्फोसिस (Infosys Ltd.) ने सलिल एस. पारिख (Salil S. Parekh) को कम्पनी का अगला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer (CEO) बनाने की घोषणा 2 दिसम्बर 2017 को की। इस घोषणा के साथ कम्पनी ने इस पद के लिए पिछले काफी समय से चल रही अपनी तलाश को पूरा कर लिया।
– उल्लेखनीय है कि इन्फोसिस के सीईओ (CEO) का पद अगस्त 2017 से खाली चल रहा था जब विशाल सिक्का (Vishal Sikka) ने कम्पनी के संस्थापकों (मुख्य रूप से नारायणमूर्ति) के साथ अपने वैचारिक मतभेदों को चलते यह पद छोड़ दिया था। विशाल सिक्का कम्पनी के पहले बाहरी सीईओ (CEO) थे तथा पारिख भी उन्हीं की तरह बाहर से आए हैं।
– पारिख अभी तक एक और आईटी कम्पनी केपजैमिनी (Capgemini SE) में वरिष्ठ अधिकारी हैं तथा उनके पास आईआईटी (IIT) तथा अमेरिका की कॉर्नवेल यूनीवर्सिटी (Cornell University) की डिग्रियाँ हैं। वे इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबन्ध निदेशक (CEO & MD) का पद 2 जनवरी 2018 से संभालेंगे।
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5) आयुष (AYUSH) और परंपरागत चिकित्सकीय पद्धतियों (traditional wellness systems) को समर्पित पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा प्रदर्शिनी “इंटरनेशनल आरोग्य 2017” (“International Arogya 2017”) का आरंभ 4 दिसम्बर 2017 से किस स्थान पर किया गया? – दिल्ली (Delhi)
विस्तार: “इंटरनेशनल आरोग्य 2017” नामक आयुष और परंपरागत स्वास्थ्य पद्धतियों को समर्पित पहले वैश्विक सम्मेलन व प्रदर्शिनी का उद्घाटन 4 दिसम्बर 2017 को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) ने दिल्ली (Delhi) में किया। 7 दिसम्बर 2017 तक चलने वाले इस सम्मेलन को वैश्विक पृष्ठभूमि में भारतीय स्वास्थ्य पद्धतियों की वैज्ञानिकता और प्रामाणिकता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
– इस 4-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन औद्यगिक संगठन फिक्की (FICCI) द्वारा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा फार्माएक्सिल नामक कम्पनी के सहयोग से किया जा रहा है।
– इस सम्मेलन में जिन भारतीय परंपरागत चिकित्सकीय पद्धतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है वे हैं आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी।
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Source:- nirdeshak.com