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8 सितम्बर 2017 करेण्ट अफेयर्स

1) देश के किस राज्य में भविष्य की सबसे क्रांतिकारी परिवहन सुविधा मानी जा रही हाइपरलूप का एक रूट (Hyperloop) स्थापित किया जायेगा जो भारत में ऐसा पहला रूट होगा? – आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)

विस्तार: आन्ध्र प्रदेश सरकार ने 7 सितम्बर 2017 को अमेरिका के कैलीफोर्निया (California) स्थित कम्पनी हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टैक्नोलॉज़ीज़ (Hyperloop Transportation Technologies – HTT) के साथ राज्य में एक हाइपरलूप रूट स्थापित करने के लिए मैमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह भारत में पहला हाइपरलूप रूट होगा तथा विजयवाडा (Vijayawada) को राज्य की नई विकसित की जा रही राजधानी अमरावती (Amravati) से जोड़ेगा। हाइपरलूप से इन दोनों स्थानों के बीच का यात्रा समय वर्तमान एक घण्टे से घट कर मात्र 6 मिनट रह जायेगा।

 उल्लेखनीय है कि हाइपरलूप एक अत्यंत क्रांतिकारी परिवहन विचार है जो आने वाले समय में परिवहन उद्योग को पूरी तरह से बदल सकता है। इसमें मजबूत सील्ड ट्यूब्स (sealed tubes) में यात्री अथवा सामान के पॉड्स (pods) को बहुत तेजी से बिना किसी घर्षण (friction) अथवा वायु-बाधा (air resistance) के भेजा जा सकता है।

 इस महात्वाकांक्षी परियोजना के लिए निजी निवेशकों के साथ एक सरकारी-निजी भागीदारी (Public Private Partnership – PPP) वित्त-पोषण मॉडल को विकसित किया जायेगा जिसका प्रबन्धन आन्ध्र प्रदेश सरकार करेगी।

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2) सितम्बर 2017 के दौरान प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारतीय संस्था वैज्ञानिक तथा औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) से सम्बद्ध किस प्रयोगशाला ने एक ऐसी कृत्रिम पत्ती (artificial leaf) का विकास किया है जो सूर्य के प्रकाश को प्राप्त कर जल की मदद से हाइड्रोजन ईंधन का उत्पादन करने में सक्षम है? – राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला (पुणे)

विस्तार: पुणे (Pune) स्थित राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला (National Chemical Laboratory), जोकि वैज्ञानिक तथा औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research – CSIR) के तहत संचालित होती है, के वैज्ञानिकों ने अपनी प्रयोगशाला में एक ऐसी कृत्रिम पत्ती (artificial leaf) का विकास किया है जो सूर्य के प्रकाश को ग्रहण कर जल की मदद से हाइड्रोजन ईंधन (hydrogen fuel) तैयार करने में सक्षम है। यह विकास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका प्रयोग भविष्य में पर्यावरण-अनुकूल कारों की ईंधन आवश्यक्ताओं के लिए किया जा सकता है।

 दरअसल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह पत्ती एक अत्यंत पतला वायरलेस उपकरण है जो एक प्राकृतिक पत्ती की नकल करते हुए जल और सूर्य के प्रकाश को मिलाकर ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है। इस नन्हें से उपकरण में लगाए गए आपस में जुड़े तमाम सेमीकण्डक्टर (semiconductor) एक प्राकृतिक पत्ती की तरह व्यवहार करने में सक्षम हैं।

 जब इन सेमीकण्डक्टरों में सूर्य का प्रकाश प्रविष्ट होता है तो इसके इलेक्ट्रॉन एक दिशा में चालित होकर विद्युत करेंट का उत्पादन करते हैं। यह करेण्ट तुरंत जल को हाइड्रोजन में विभाजित (split) कर देता है। उल्लेखनीय है कि हाइड्रोजन सबसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोत माना जाता है क्योंकि इससे जल का ही उत्सर्जन होता है। 23 वर्ग सेण्टीमीटर फैलाव वाली ऐसी कृत्रिम पत्ती एक घण्टे में 6 लीटर हाइड्रोजन ईंधन उत्पादित कर सकती है।

 राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला (NCL) की यह उपलब्धि ‘नेचर’ (‘Nature’) पत्रिका के ऑन-लाइन जर्नल ‘Scientific Reports’ में सितम्बर 2017 के दौरान प्रकाशित की गई है।

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3) भारत में पूँजी बाजार की नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने 7 सितम्बर 2017 को किस उपक्रम तथा उसके निदेशकों पर 2,423 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जोकि सेबी तथा डिफॉल्टरों पर लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है? – पीएसीएल लिमिटेड (PACL Limited)

विस्तार: तमाम योजनाओं के द्वारा जनता से अवैध तरीके से 49,000 करोड़ रुपए एकत्रित करने के आरोप में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India – SEBI) ने 7 सितम्बर 2017 को पीएसीएल लिमिटेड (PACL Limited) तथा उसके चार निदेशकों (4 directors) पर 2,423 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया।

 उल्लेखनीय है कि SEBI ने लगभग तीन साल पूर्व पीएसीएल लिमिटेड को जनता से अवैध रूप से एकत्रित 49,100 करोड़ रुपए उन्हें वापिस करने का निर्देश दिया था। यह पैसा तमाम रियल एस्टेट तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश करने के नाम पर एकत्रित किया गया था लेकिन वास्तव में कम्पनी ने इनमें लगभग नगण्य निवेश किया। अब SEBI ने पीएसीएल लिमिटेड द्वारा जनता को पैसा वापस न करने के आरोप में Prevention of Fraudulent and Unfair Trade Practices Regulations (PFUTPR) के तहत यह भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। यह सेबी द्वारा डिफॉल्टरों पर लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।

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4) भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की सुविख्यात उजाला (UJALA) योजना को 7 सितम्बर 2017 को किस विदेशी राष्ट्र में शुरू किया गया? – मलेशिया (Malaysia)

विस्तार: ऊर्जा संरक्षण के लिए सस्ते एलईडी बल्बों को जन-जन तक पहुँचाने की बेहद सफल योजना उजाला (UJALA – Unnat Jyoti by Affordable Lighting for All) भारत सरकार की एक बड़ी उपलब्धि रही है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें बिना किसी सब्सिडी (zero subsidy) सहयोग के एलईडी बल्ब सस्ते दरों में उपलब्ध कराने का मॉडल तैयार किया गया है। इसका परिचालन भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आने वाले उपक्रम Energy Efficiency Services Limited (EESL) द्वारा किया जाता है। यह सस्ते एलईडी बल्ब के वितरण की विश्व की सबसे बड़ी योजना है।

 7 सितम्बर 2017 को इस योजना को मलेशिया (Malaysia) के मेलका (Melaka) प्रांत में भी शुरू किया गया। योजना के तहत इस मलेशियाई प्रांत के सभी नागरिकों को उच्च-गुणवत्ता वाले 9 वॉट खपत वाले 10 एलईडी बल्ब मात्र आरएम 10 (RM 10) के स्थानीय मूल्य पर उपलब्ध कराए जायेंगे। यह मूल्य बाजार भाव से आधा है। इस योजना को जहाँ भारत सरकार के EESL द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा वहीं इसके लॉजिस्टिकल सपोर्ट के लिए Green Growth Asia नामक गैर-लाभकारी संस्था (not for profit organization) अपना सहयोग देगी।

 उल्लेखनीय है कि UJALA योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जनवरी 2015 को शुरू कर भारत की ऊर्जा खपत को अद्वितीय तरीके से कम करने की पहल शुरू की थी। आज इस कार्यक्रम का अनुसरण दुनिया के कई देश करना चाह रहे हैं।

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5) विशाखापट्टनम के पास 7 सितम्बर 2017 से शुरू हुआ “स्लाइनेक्स 2017” (“SLINEX 2017”) नामक नौसैनिक अभ्यास भारत तथा किस अन्य देश के बीच किया जा रहा है? – श्रीलंका (Sri Lanka)

विस्तार: स्लाइनेक्स (SLINEX) का अर्थ है – Sri Lanka India Naval Exercise तथा यह प्रत्येक दो वर्षों में भारत तथा श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच आयोजित किया जाने वाला नौसैनिक अभ्यास है। स्लाइनेक्स का आयोजन पहली बार वर्ष 2005 में किया गया था।

 “स्लाइनेक्स 2017” (“SLINEX 2017”) अभ्यास के इस क्रम का नवीनतम संस्करण है। इसका आयोजन आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) के पास 7 सितम्बर 2017 से शुरू हुआ। इस अभ्यास के तहत नौसेना बेड़ों के रखरखाव, नौसैनिकों की कार्यपद्धति, संचार सहयोग, समुद्र में आपूर्तियों की व्यवस्था करना, संचालन तथा हेलीकॉप्टर संचालन पर जोर दिया जायेगा। यह आयोजन 14 सितम्बर 2017 को समाप्त होगा।

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Source:- Nirdeshak.com

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