1) भारत की पहली सौर-ऊर्जा चालित डीईएमयू ट्रेन (DEMU train) को 14 जुलाई 2017 को शुरू किया गया। 6 डिब्बों में 16 सौर-पैनल्स से लैस भारत की अपनी तरह की यह पहली ट्रेन किन रेलवे स्टेशनों के बीच चलाई जायेगी? – सराय रोहिल्ला (दिल्ली) और फारुख नगर (हरियाणा)
विस्तार: भारतीय रेल (Indian Railways) ने देश की पहली सौर-ऊर्जा चालित डीईएमयू ट्रेन को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन में लाँच किया। यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला (Sarai Rohilla) स्टेशन से हरियाणा के फारुख नगर (Farukh Nagar) स्टेशन के बीच चलेगी।
– इस ट्रेन के 6 डिब्बों में 16 सोलर पैनल्स लगाए गए हैं तथा प्रत्येक सोलर पैनल 300 Wp ऊर्जा तैयार करता है। इस ट्रेन में कम से कम 72 घण्टे का पॉवर बैक-अप उपलब्ध रहेगा।
– इन सोलर पैनल्स को “मेक इन इण्डिया” (‘Make in India’) प्रयास के तहत भारत में ही बनाया गया है तथा इसकी लागत 54 लाख रुपए आई है। यह सोलर पैनल्स को रेलवे ग्रिड में प्रयुक्त करने का दुनिया का पहला ही प्रयास है तथा भारतीय रेल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। भारतीय रेल के अनुमान के अनुसार इस प्रकार की प्रत्येक ट्रेन 25 वर्षों के परिचालन में 5.25 लाख लीटर डीज़ल की बचत कर सकती है।
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2) जुलाई 2017 के दौरान जारी आंकड़ों के अनुसार फेसबुक (Facebook) प्रयोगकर्ताओं की कुल संख्या के मामले में कौन सा देश अमेरिका को पीछे छोड़कर इस सुप्रसिद्ध सोशल मीडिया पोर्टल का सबसे बड़ा प्रयोगकर्ता देश बन गया है? – भारत
विस्तार: सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कम्पनी फेसबुक (Facebook Inc.) द्वारा अपने विज्ञापनदाताओं को हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में फेसबुक के सक्रिय प्रयोगकर्ताओं की संख्या 24.1 करोड़ तक पहुँच गई है तथा इस प्रकार उसने अमेरिका (US) को पीछे छोड़ दिया है जहाँ प्रयोगकर्ताओं की कुल संख्या 24 करोड़ है।
– इन आंकड़ों में यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत में फेसबुक के प्रयोगकर्ताओं की संख्या में हो रही वृद्धि अमेरिका के मुकाबले दोगुनी से भी अधिक है। भारत में जहाँ पिछले 6 माह में फेसबुक के प्रयोगकर्ताओं की संख्या में 24% वृद्धि हुई है वहीं अमेरिका में यह वृद्धि दर 12% ही है।
– लेकिन भारत के फेसबुक प्रयोगकर्ताओं में लैंगिक असमानता (gender imbalance) भी स्पष्ट दिख रही है क्योंकि यहाँ के कुल प्रयोगकर्ताओं में तीन-चौथाई पुरुष हैं जबकि अमेरिका में फेसबुक के सक्रिय प्रयोगकर्ताओं में 54% महिलाएं हैं।
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3) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समूह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 15 जुलाई 2017 से NEFT और RTGS के द्वारा धन हस्तांतरण (fund transfer) पर लगाए जाने वाले शुल्क में 75% तक की कमी कर दी है। शुल्कों में इस कटौती के बाद NEFT द्वारा 10,000 रुपए तक धन हस्तांतरित करने पर कितना शुल्क वसूला जायेगा? – 1 रुपया
विस्तार: देश में डिज़िटल भुगतान को और तेजी देने के उद्देश्य से देश के सबसे बड़े बैंकिंग समूह भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने 15 जुलाई 2017 से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर (National Electronic Fund Transfer – NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेण्ट (Real Time Gross Settlement – RTGS) द्वारा किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक धन हस्तांतरण (electronic fund transfer) पर वसूले जाने वाले शुल्क में 75% तक की कमी कर दी। इस कटौती से बैंक के लगभग 5.27 करोड़ ग्राहकों को लाभ मिलने की आशा है।
– नई शुल्क दर के अनुसार NEFT से 10,000 रुपए तक धन हस्तांतरित करने पर लगने वाले शुल्क को 2 रुपए से घटा कर 1 रुपए कर दिया गया है जबकि 1 लाख रुपए तक धन हस्तांतरण पर शुल्क 2 रुपए कर दिया गया है। एक लाख रुपए से 2 लाख रुपए तक धन हस्तांतरण करने पर अब तक जहाँ 12 रुपए लगते थे वहीं अब इसमें मात्र 3 रुपए लगेंगे। दो लाख रुपए तक धन हस्तांतरण पर शुल्क को 5 रुपए कर दिया गया है जबकि अभी तक यह 20 रुपए था।
– वहीं RTGS के द्वारा दो लाख से 5 लाख रुपए तक धन हस्तांतरित करने पर शुल्क 5 रुपए कर दिया गया है जबकि अभी तक यह 20 रुपए था। 5 लाख रुपए से अधिक धन इस माध्यम से हस्तांतरित करने पर शुल्क को वर्तमान 40 रुपए के बजाय 10 रुपए कर दिया गया है।
– इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने इमीडीएट पेमेण्ट सर्विस (Immediate Payment Service – IMPS) के द्वारा 1,000 रुपए तक धन हस्तांतरण को शुल्क-मुक्त कर दिया है।
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4) संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा घोषित संधारणीय विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) के संदर्भ में दुनिया भर के देशों के प्रदर्शन का आकलन करने वाले ‘SDG Index & Dashboards Report’ नामक वर्ष 2017 के वैश्विक सूचकांक (global index) में भारत को क्या स्थान दिया गया है? – 157 देशों में 116वाँ
विस्तार: ‘SDG Index & Dashboards Report’ नामक रिपोर्ट को 13 जुलाई 2017 को जारी किया गया। इसे Sustainable Development Solutions Network (SDSN) और Bertelsmann Stiftung ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। यह एक वैश्विक सूचकांक (global index) है जिसे संयुक्त राष्ट्र (United States) द्वारा घोषित 17 संधारणीय विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) के संदर्भ में तैयार किया जाता है तथा इसी आधार पर इसमें दुनिया के 157 देशों को रैंक प्रदान किया गया है।
– भारत को इस सूचकांक में 58.1 अंकों के साथ 116वें स्थान पर रखा गया है तथा भारत नेपाल, ईरान, श्रीलंका, भूटान और चीन जैसे देशों से पीछे है। हालांकि सूचकांक में पाकिस्तान का 122वां स्थान है।
– इस सूचकांक में सर्वाधिक 85.6 अंकों के साथ स्वीडन (Sweden) को पहला स्थान हासिल हुआ है तथा इसके बाद क्रमश: डेनमार्क (84.1 अंक) और फिनलैण्ड (84 अंक) का स्थान है। G7 देशों में से सिर्फ दो – जर्मनी (Germany) और फ्रांस (France) सर्वोच्च 10 रैंकिंग में स्थान पाने में सफल हुए हैं। सूचकांक में अमेरिका (US) का 42वाँ स्थान है, जबकि रूस (Russia) और चीन (China) क्रमश: 62वें और 71वें स्थान पर हैं।
– इस रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकल कर आ रहा है कि संयुक्त राष्ट्र के महात्वाकांक्षी 17 संधारणीय विकास लक्ष्यों को हासिल करने की तरफ बढ़ रहे देशों में अधिकतर देश बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश न होकर अपेक्षाकृत छोटे तथा विकसित देश हैं।
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5) राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की दिवंगत पत्नी सुव्रा मुखर्जी (Suvra Mukherjee) पर लिखी गई उस पुस्तक का क्या नाम है जिसे उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 13 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति भवन में हुए एक कार्यक्रम में जारी किया? – “प्रणबेर प्रेयोशी” (‘President’s Lady’)
विस्तार: “प्रणबेर प्रेयोशी” (‘President’s Lady’) उस पुस्तक का नाम है जो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की दिवंगत पत्नी सुव्रा मुखर्जी (Suvra Mukherjee) पर लिखी गई है। इसकी रचना संगीता घोष (Sangeeta Ghosh) ने की है। इस पुस्तक का विमोचन उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 13 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में किया तथा उन्होंने पुस्तक की प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
– उल्लेखनीय है कि प्रणब मुखर्जी के खांटी राजनीतिक जीवन के बावजूद उनकी पत्नी सुव्रा राजनीति में सक्रिय नहीं थी। उन्हें संगीत (विशेष रूप से रबीन्द्र संगीत), चित्रकला और लेखन में रूचि थी तथा वे इन रुचियों में जीवन भर सक्रिय रहीं। उनका जन्म जेसोर (वर्तमान बांग्लादेश) में हुआ तथा 1947 में देश के विभाजन के चलते उन्होंने भी अपनी जड़ों से उखड़ने की आपबीती को झेला था।
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Source:- Nirdeshak.com