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23 जून 2017 करेण्ट अफेयर्स

1) कौन सी इमारत ट्रेडमार्क (Trademark) हासिल करने वाली भारत की पहली इमारत तब बन गयी जब इसकी स्वामित्व वाली कम्पनी ने 19 जून 2017 को भवन का ट्रेडमार्क हासिल कर लिया? – ताज महल पैलेस (मुम्बई)

विस्तार: मुम्बई (Mumbai) में अरब सागर के किनारे स्थित आलीशन होटल ताज महल पैलेस (Taj Mahal Palace) ट्रेडमार्क हासिल करने वाली देश की पहली इमारत बन गयी जब इसके स्वामित्व वाली कम्पनी इण्डियन हॉटेल्स कम्पनी लिमिटेड (Indian Hotels Company – IHCL) ने 19 जून 2017 को इस इमारत का ट्रेडमार्क हासिल कर लिया। यह भव्य इमारत दशकों से मुम्बई की पहचान रही है।

 ट्रेडमार्क मिलने के साथ ही ताज महल पैलेस दुनिया की कुछ बेहद चुनिंदा इमारतों की सूची में शामिल हो गया जिनके लिए इस प्रकार का ट्रेडमार्क हासिल किया गया है। ऐसी कुछ प्रमुख इमारते हैं – न्यूयॉर्क स्थित एम्पायर स्टेट बिल्डिंग (Empire State Building), पेरिस की एफिल टॉवर (Eiffel Tower) और सिडनी का ऑपेरा हाउस (Opera House)।

 इण्डियन हॉटेल्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा ताज महल पैलेस का ट्रेडमार्क हासिल करने का अर्थ हुआ कि अब कोई भी इस इमारत का प्रयोग बिना कम्पनी की अनुमति के वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए नहीं कर सकेगा।

 ताज महल पैलेस का निर्माण 1903 में टाटा समूह के भूतपूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की पारिवारिक फर्म शापूरजी पलूनजी एण्ड कम्पनी (Shapoorji Pallonji & Company) ने कराया था। प्रथम विश्व युद्ध में इसका उपयोग एक अस्पताल के तौर पर किया गया था जबकी 2008 के मुम्बई आतंकी हमलों के दौरान यह प्रमुख निशाना रहा था तथा इस भव्य इमारत को काफी नुकसान हुआ था।

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2) भारत ने जून 2017 के दौरान किस बहुपक्षीय परिवहन संधि समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसका मुख्य उद्देश्य एशिया तथा यूरोप के देशों के बीच सामान की बाधा-रहित आवाजाही सुनिश्चित करना है? – अंतर्राष्ट्रीय सड़क परिवहन समझौता (International Road Transports Convention)

विस्तार: भारत 19 जून 2017 को अंतर्राष्ट्रीय सड़क परिवहन समझौते (International Road Transports Convention) पर हस्ताक्षर करने वाला 71वाँ सदस्य बन गया। फ्रेंच भाषा में (Transports Internationaux Routiers – TIR) नाम से प्रसिद्ध इस समझौते को संयुक्त राष्ट्र के यूरोपीय आर्थिक आयोग (United Nations Economic Commission for Europe – UNECE) के तत्वाधान में लागू किया गया है तथा इसका मुख्य उद्देश्य एशिया तथा यूरोप के देशों के बीच सामान की बाधा-रहित आवाजाही सुनिश्चित करना है।

 माना जा रहा है कि इस समझौते को स्वीकार करने के चलते भारत के अपने पूर्वी तथा पश्चिमी देशों के साथ होने वाले व्यापार में वृद्धि होगी तथा यह इससे भारत को चीन की महात्वाकांक्षी “वन बेल्ट, वन रोड” (OBOR) योजना के खिलाफ एक मजबूत काट हासिल हो जायेगी। OBOR योजना के द्वारा चीन एशिया, अफ्रीका और यूरोप के 60 देशों को एक सूत्र में बांध कर बहुपक्षीय व्यापार को मजबूत करना चाहता है।

 विश्लेषकों के अनुसार भारत इस समझौते को अपना कर एक ओर म्यांमार, थाईलैण्ड, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल जैसे देशों को व्यापार के माध्यम से मजबूती से जोड़ सकेगा वहीं पश्चिमी मोर्चे पर वह ईरान के चाबहार बंदरगाह का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान तथा अन्य स्थलबद्ध देशों के ऊर्जा-बहुल क्षेत्रों तक पैठ बना सकेगा।

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3) भारत के किस निजी क्षेत्र के उपक्रम ने भारत में एफ-16 (F-16) लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए विमानन तथा अन्य रक्षा उत्पादों के उत्पादन में संलग्न अमेरिका की दिग्गज कम्पनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) के साथ एक समझौता जून 2017 के दौरान किया? – टाटा एड्वांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड

विस्तार: अमेरिका की कम्पनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) और टाटा एड्वांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited (TASL) ने 19 जून 2017 को एक समझौता हस्ताक्षरित किया जिसके तहत अमेरिका के सुप्रसिद्ध लड़ाकू विमान F-16 का उत्पादन संयुक्त रूप से भारत में किया जायेगा। इस समझौते के द्वारा दोनों कम्पनियों की नज़र भारत के रक्षा मंत्रालय के 12-अरब डॉलर के एक प्रस्तावित ठेके को हासिल करने पर रहेगी।

 उल्लेखनीय है कि भारत के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि लगभग 200 लड़ाकू विमानों को हासिल करने के लिए एक ठेके को इस वर्ष के अंत तक निकाला जायेगा। इस ठेके को हासिल करने के लिए दुनिया भर की प्रमुख विमानन कम्पनियों के बीच होड़ मचने की आशा है।

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4) भारतीय नौसेना (India Navy) की पहली स्वदेश निर्मित तैरती हुई गोदी (first indigenously built Floating Dock) का अनावरण 20 जून 2017 को किया गया। इसका निर्माण किस निजी उपक्रम ने किया है? – लार्सन एण्ड टूब्रो (L&T)

विस्तार: स्वदेश में निर्मित भारतीय नौसेना की पहली तैरती हुई गोदी  (FDN-2) का अनावरण 20 जून 2017 को किया गया। 185 मीटर लम्बी और 40 मीटर चौड़ी इस गोदी का विकास लार्सन एण्ड टूब्रो (L&T) ने किया है तथा इसे कम्पनी के कट्टूपल्ली (तमिलनाडु) स्थित शिपयार्ड में प्रदर्शित किया गया।

 185 मीटर लम्बाई और 40 मीटर चौड़ाई वाली इस तैरती हुई गोदी का इस्तेमाल नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों समेत सभी प्रकार के जहाजों को खड़ा करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि विमानवाहक पोत तथा टैंकर के लिए यह गोदी सक्षम नहीं है। इसे अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह में स्थापित किया जायेगा जहाँ यह नौसेना की पोत मरम्मत क्षमता में संवर्द्धन करेगा।

 नौसेना के पास इससे पहले एक तैरती हुई गोदी (FDN-1) थी तथा यह उसकी दूसरी इस प्रकार की गोदी है।

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5) सेबी (SEBI) ने बैंकों की तनावग्रस्त परिसम्पत्तियों (stressed assets in banks) की समस्या को हल करने के उद्देश्य से 21 जून 2017 को किछ नियमों में रियायत देने की घोषणा की। इनमें से सर्वप्रमुख घोषणा क्या थी? – उसने तनावग्रस्त कम्पनियों (stressed companies) के शेयर खरीदने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को ओपन ऑफर (Open Offer) लाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया

विस्तार: भारत के पूँजी बाजार की नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India – SEBI) ने 21 जून 2017 को हुई अपनी बोर्ड बैठक में तनावग्रस्त परिसम्पत्तियों (stressed assets) की समस्या से सम्बन्धित कई निर्णय लिए। इनमें सर्वप्रमुख निर्णय तनावग्रस्त कम्पनियों के शेयर खरीदने वाले निवेशकों (खरीददारों) पर लगाई जाने वाली इस बाध्यता को समाप्त कर दिया कि उन्हें ओपन ऑफर लाना पड़ेगा।

 उल्लेखनीय है कि SEBI के नियमों के तहत ओपन ऑफर को लाना तब जरूरी हो जाता है जब कोई निवेशक किसी सूचीबद्ध कम्पनी (listed company) के 25% अथवा अधिक शेयर को खरीद ले। ऐसा होने पर हिस्सेदारी खरीदने वाले निवेशक को उक्त कम्पनी में 26% अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करनी होती है जिसके लिए वर्तमान शेयरधारकों को ओपन ऑफर पेश करना होता है।

 SEBI ने यह निर्णय लेते हुए कहा कि उसने कई बार देखा है कि तनावग्रस्त कम्पनियों में शेयर हासिल करने के बावजूद खरीददार इस हिस्सेदारी को नए निवेशक को नहीं बेच पाते हैं क्योंकि ओपन ऑफर के नियम के चलते उसपर बंदिश लागू हो जाती है तथा निवेश के लिए उसका धन कम पड़ जाता है।

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6) सऊदी अरब (Saudi Arabia) के शासक किंग सलमान (King Salman) ने 21 जून 2017 को यकायक लिए एक निर्णय में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ (Crown Prince Mohammed bin Nayef) के स्थान पर किसे नया क्राउन प्रिंस (युवराज) घोषित कर दिया? – मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed bin Salman)

विस्तार: अपने भतीजे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ के स्थान पर अपने पुत्र उप- क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को युवराज (Crown Prince) बनाने की घोषणा सऊदी अरब के शासक किंग सलमान ने 21 जून 2017 को की। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि 31-वर्षीय मोहम्मद बिन सलमान, जोकि अभी तक देश के रक्षा मंत्री हैं, किंग सलमान के बाद देश के अगले शासक होंगे।

 मोहम्मद बिन सलमान को जहाँ देश का नया उप-प्रधानमंत्री भी नियुक्त कर दिया गया वहीं मोहम्मद बिन नायेफ को सभी प्रदत्त जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया।

 यकायक लिया गया यह निर्णय सऊदी अरब में वर्ष 2015 की शुरूआत से किए गए आमूलचूल परिवर्तनकारी निर्णयों की श्रृंखला में एक निर्णय माना जा रहा है।

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Source:- Nirdeshak.com

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