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16 जून 2017 करेण्ट अफेयर्स

1) विश्व की सबसे बड़ी तेल-शोधनशाला (world’s largest refinery) स्थापित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के तीन तेल विपणन कम्पनियों – इण्डियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने एक ऐतिहासिक समझौता 14 जून 2017 को हस्ताक्षरित किया। इसके तहत 2 लाख करोड़ रुपए के निवेश से यह शोधनशाला कहाँ स्थापित की जायेगी? – रत्नागिरी (महाराष्ट्र)

विस्तार: सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कम्पनियों – इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने 14 जून 2017 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी में देश की सबसे बड़ी तेल-शोधनशाला स्थापित की जायेगी। 2 लाख करोड़ रुपए (यानि लगभग 30 अरब डॉलर) के निवेश से स्थापित होने वाली यह शोधनशाला (रिफाइनरी) भारत के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी।

 देश की भविष्य की तेल खपत तथा निर्यात क्षमता को ध्यान में रखकर 6 करोड़ टन (60 million tonnes) क्षमता की यह रिफाइनरी महाराष्ट्र के रत्नागिरी (Ratnagiri) जिले के राजापुर तालुके के बाबुलवाडी (Babulwadi) नामक स्थान पर स्थापित की जायेगी। उल्लेखनीय है कि रिलायंस इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) के स्वामित्व वाली जामनगर रिफाइनरी (गुजरात) इस समय दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है।

 इस रिफाइनरी में इण्डियन ऑयल (IOC) की सर्वाधिक 50% हिस्सेदारी होगी जबकि भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम दोनों की 25-25% हिस्सेदारी होगी। तेल शोधनशाला तथा उससे सम्बन्धित विशाल पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स को दो चरणों में स्थापित किया जायेगा। पहले चरण में 4 करोड़ टन की शोधन क्षमता के साथ एक एरोमेटिक कॉम्प्लेक्स, नेफ्था क्रेकर संकुल और पॉलीमर संकुल स्थापित किया जायेगा।

 इस शोधनशाला में पेट्रोल, डीज़ल, एलपीजी (LPG), हवाई ईंधन (ATF) और पेट्रोकेमिकल्स के फीडस्टॉक का उत्पादन होगा। पेट्रोकेमिकल्स के फीडस्टॉक का उपयोग प्लास्टिक, रसायन और कपड़ा उद्योग में कच्चे माल के तौर पर किया जाता है।

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2) केन्द्रीय कैबिनेट ने देश के किसानों के लिए एक रियायती ऋण योजना (Interest Subvention Scheme) को 14 जून 2017 को अपनी स्वीकृति प्रदान की जिसके तहत किसानों को चालू वित्त वर्ष के दौरान लघु अवधि के कृषि ऋण प्रदान किए जायेंगे। इससे किसानों को 4% तक की बेहद कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेंगे। इस योजना के लिए केन्द्र ने कितना धन आवंटित किया है? – 20,339 करोड़ रुपए

विस्तार: किसानों के लिए स्वीकृत इस रियायती ऋण योजना को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और नाबार्ड (NABARD) द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जायेगा। केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए 20,339 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

 इसके तहत किसानों को 3 लाख रुपए तक के कृषि ऋण प्रदान किए जायेंगे तथा 1 साल के भीतर इनकी अदायगी करने पर मात्र 4% ब्याज दर वसूली जायेगी। यह योजना 1 वर्ष के लिए प्रभावी होगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लघु अवधि के कृषि ऋणों (short-term crop loans) को रियायती दरों में उपलब्ध कराना है। इसके तहत समय पर ऋण अदायगी करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दिया जायेगा।

 उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में किसानों ने घटती आय तथा बढ़ते कर्ज के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हाल के दिनों में किए हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा 36,359 करोड़ रुपए की कर्ज माफी के बाद देश के तमाम राज्यों में कर्ज माफी की मांग बढ़ी है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों द्वारा काफी उग्र प्रदर्शन किए जाने के बाद वहाँ की सरकारों ने भी कर्ज माफी योजनाओं को लागू करने की घोषणा की है।

 हालांकि कृषि विशेषज्ञ कर्ज माफी को एक अस्थाई उपाय मान रहे हैं और कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधारों को तेजी से शुरू करने की सिफारिश कर रहे हैं।

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3) हाल ही में आए एक शोध के परिणाम से किस ग्रह के बारे में यह तथ्य सिद्ध हुआ है कि यह ग्रह हमारे सौर-मण्डल का सबसे पुराना ग्रह है? – बृहस्पति (Jupiter)

विस्तार: जर्मनी (Germany) की यूनीवर्सिटी ऑफ मुंस्टेर (University of Munster) और अमेरिका के कैलीफोर्निया स्थित लॉरेन्स लिवरमोर नैशनल लैबोरेट्री (Lawrence Livermore National Laboratory) द्वारा किए गए एक संयुक्त शोध के परिणाम में यह सिद्ध हुआ है कि बृहस्पति (Jupiter) हमारे सौर-मण्डल का सबसे पुराना ग्रह है। उक्त शोध में यह परिणाम निकाला गया कि सौर मण्डल के संगठित होने की प्रक्रिया (coalescing of the solar system) के लगभग 10 लाख वर्ष (1 million year) बाद बृहस्पति ग्रह का निर्माण होना शुरू हो गया था।

 इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने लौह उल्कापिण्डों (iron meteorites) की आयु का अध्ययन कर बृहस्पति ग्रह की उत्पत्ति तथा विकास पर से पर्दा हटाने का प्रयास किया है।

 उल्लेखनीय है कि अभी तक के अध्ययनों में इस बात की तो पुष्टि हुई थी कि बृहस्पति संभवत: सबसे पुराना ग्रह है लेकिन इसकी आयु के बारे में कोई प्रमाण हासिल नहीं हो पाए थे। अब उक्त शोध में बृहस्पति के सबसे पुराने ग्रह होने की बात सिद्ध हो चुकी है।

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4) वर्ष 2017 का मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार (Man Booker International Prize for 2017) 14 जून 2017 को किसे प्रदान किया गया? – डेविड ग्रॉसमैन (इज़राइल)

विस्तार: इज़राइली लेखक डेविड ग्रॉसमैन (David Grossman) को उनके उपन्यास “ए हॉस वॉक्स इन्टू ए बार” (“A Horse Walks Into a Bar”) के लिए वर्ष 2017 का मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। ब्रिटेन के इस प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान के लिए उन्होंने पुरस्कार के लिए नामित पाँच अन्य लेखकों को पछाड़ा जिसमें उनके देश के लेखक एमोस ओज़ (Amos Oz) भी शामिल थे।

 इस उपन्यास में डोवलेह ग्रीनस्टीन (Dovaleh Greenstein) नामक एक असफल स्टैण्ड-अप कॉमेडियन तथा उसके अंतिम प्रदर्शन के बारे में उल्लेख किया गया है। ग्रॉसमैन इस पुरस्कार के तहत मिली 50,000 पाउण्ड की राशि को अपने उपन्यास की अनुवादक जेसिका कोहेन (Jessica Cohen) के साथ साझा करेंगे।

 उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष के पहले तक मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार लेखकों के करियर योगदान के लिए प्रदान किया जाता था। लेकिन पिछले वर्ष से इसे किसी एक उल्लेखनीय उपन्यास के लिए प्रदान करने की परंपरा शुरू की गई ताकि अंग्रेजी-भाषी देशों में अंतर्राष्ट्रीय उपन्यासों के प्रोफाइल को मजबूत किया जा सके।

 यहाँ उल्लेखनीय है कि मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार (Man Booker International Prize) वार्षिक मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) से भिन्न है। मैन बुकर पुरस्कार प्रतिवर्ष अंग्रेजी की किसी कृति को प्रदान किया जाता है जबकि मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्रति दो वर्ष में अंग्रेजी समेत किसी भी भाषा की कृति के अंग्रेजी अनुवाद के लिए प्रदान किया जाता है।

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5) 13 जून 2017 को अधिकृत पूँजी (authorised capital) 775 करोड़ रुपए बढ़ाए जाने के बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की कुल अधिकृत पूँजी कितनी हो गई है? – 2,500 करोड़ रुपए

विस्तार: निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक की अधिकृत पूँजी को 13 जून 2017 को 775 करोड़ रुपए बढ़ा दिया गया जिससे बैंक की अधिकृत पूँजी अब 2,500 करोड़ रुपए हो गई है।

 अभी तक बैंक की अधिकृत पूँजी 1775 करोड़ रुपए थी। अधिकृत पूँजी के स्तर में संशोधन के लिए पोस्टल बैलट से 12 जून 2017 को बैंक प्रबन्धन ने स्वीकृति हासिल की। उल्लेखनीय है कि अधिकृत पूँजी में वृद्धि करने से बैंक को बाजार (capital markets) से तथा उधारी (debt) पर अधिक धन हासिल करने में मदद मिलेगी।

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Source:- Nirdeshak.com

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