1) 1 जून 2017 को “टी-वॉलेट” (T-Wallet) नामक इलेक्ट्रॉनिक-वॉलेट (E-wallet) शुरू कर कौन सा राज्य देश का पहला राज्य बन गया जिसकी अपनी आधिकारिक (official) ई-वॉलेट सेवा है? – तेलंगाना
विस्तार: तेलंगाना (Telangana) देश का पहला राज्य बन गया है जिसका अपना अधिकारिक ई-वॉलेट है। राज्य ने 1 जून 2017 को “टी-वॉलेट” (‘T-Wallet’) नामक ई-वॉलेट लाँच कर यह उपलब्धि हासिल की। यह भारत की किसी भी राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया पहला ई-वॉलेट है।
– इस ई-वॉलेट के माध्यम से तेलंगाना के नागरिक न सिर्फ तमाम प्रकार के भुगतान सरकारी तथा निजी प्रतिष्ठानों को कर सकेंगे बल्कि इसकी मदद से वे पेंशन, स्कॉलरशिप तथा मनरेगा सम्बन्धी लाभ भी हासिल कर सकेंगे। टी-वॉलेट से बिना किसी शुल्क के कहीं भी कभी भी भुगतान करना तथा प्राप्त करना संभव होगा। इस ई-वॉलेट को तमाम प्लेटफॉर्म जैसे वेब ब्राउज़र, स्मार्ट-फोन, फीचर-फोन से संचालित किया जा सकेगा तथा बिना फोन के भी इसे संचालित करने की सुविधा प्रदान की गई है।
– माइक्रोसॉफ्ट द्वारा समर्थित स्टार्ट-अप “ट्रांज़ेक्शन एनालिस्ट्स” (“Transaction Analysts”) ने तेलंगाना सरकार के साथ संयुक्त रूप से “टी-वॉलेट” का विकास किया है। इसमें दो प्रकार की ऑथेंटिकेशन प्रणाली उपलब्ध हैं – आधार + बायोमीट्रिक (Aadhaar+Biometric) तथा आधार + वन टाइम पासवर्ड (Aadhaar+OTP)।
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2) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते (Paris Climate Change Agreement) से अपने देश को बाहर करने की अहम घोषणा 1 जून 2017 को की तथा आरोप लगाया कि इस समझौते से भारत और चीन जैसे देशों को लाभ पहुँचाया जा रहा है। यह ऐतिहासिक समझौता कब प्रभाव में आया था? – 4 नवम्बर 2016 को
विस्तार: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते की मंशा पर शक जताते हुए कहा कि इस समझौते से अमेरिकी मजदूरों की कीमत पर भारत और चीन जैसे देशों को लाभ पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। उनके अनुसार भारत और चीन को कई वर्षों तक प्रदूषण फैलाने की छूट दी गई है जबकि अमेरिका पर तमाम प्रतिबन्ध लगा दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि दुनिया भर के 190 से ज़्यादा देशों द्वारा दिसम्बर 2015 में अनुमोदित इस समझौते को लेकर ट्रम्प का रुख अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी काफी मुखर था और अमेरिका को इस समझौते से बाहर करना उनके एजेण्डे में था।
– यह समझौता 4 नवम्बर 2016 को प्रभाव में आ गया था जब 147 देशों ने इसे अपनाने को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस समझौते की शर्तों को उचित बताते हुए इसे स्वीकार किया था।
– हालांकि भारत इस समझौते को लेकर अपनी कटिबद्धता जताता आया है और अमेरिका के इससे बाहर होने के बावजूद फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है कि भारत इसमें अपनी जिम्मेदारी को बढ़ायेगा।
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3) भारतीय मूल के किस मंत्री को आयरलैण्ड (Ireland) की सत्ताधारी पार्टी ने 2 जून 2017 को देश के अगले प्रधानमंत्री (Prime Minister) के रूप में चयनित किया? – लियो वरदकर (Leo Varadkar)
विस्तार: 38-वर्षीय लियो वरदकर (Leo Varadkar), जोकि एक भारतीय प्रवासी की संतान हैं, आयरलैण्ड के अगले प्रधानमंत्री होंगे। उनके चयन पर 2 जून 2017 को तब मुहर लगी जब देश की सत्ताधारी पार्टी फाइन गेल (Fine Gael) ने उन्हें पार्टी के अगले नेता के रूप में चयनित किया। इस प्रकार वे आयरलैण्ड के अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके अलावा वे विश्व के कुछ सबसे युवा प्रधानमंत्रियों में से एक होंगे।
– लियो वरदकर की एक और खासियत यह होगी कि वे कट्टर कैथोलिक देश आयरलैण्ड के पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री (first gay Prime Minister) भी होंगे। उल्लेखनीय है कि मई 2017 के दौरान निवर्तामान प्रधानमंत्री एण्डा केनी (Enda Kenny) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था तथा इसके बाद सत्ताधारी पार्टी फाइन गेल को अपने नए नेता के लिए 2 जून 2017 को चुनाव करवाना पड़ा था। हालांकि इस चुनाव में वरदकर को अपने मुख्य प्रतिद्वन्दी सिमोन कोवेनी (Simon Coveney) से अपेक्षाकृत कड़ा मुकाबला करना पड़ा।
– वरदकर के पिता अशोक मुम्बई के रहने वाले थे तथा वहाँ से काम की तलाश में आयरलैण्ड से आए थे जहाँ उनका विवाह आयरलैण्ड की मिरियम से हुआ। दोनों 60 के दशक में स्लो (Slough) के एक ब्रिटिश अस्पताल में काम करते थे।
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4) 2 जून 2017 को दिवंगत हुए कवि एस. अब्दुल रहमान किस भाषा के बेहद प्रतिष्ठित रचनाकार थे? – तमिल (Tamil)
विस्तार: एस. अब्दुल रहमान (S. Abdul Rahman), जिन्हें “कविको” (यानि कवियों के सम्राट) के उपनाम से भी जाना जाता था, एक सुविख्यात तमिल कवि थे। उन्होंने तमिलनाडु के सम्पूर्ण साहित्यिक नक्शे की पैमाइश करते हुए तमिल साहित्य में आधुनिकता का समावेश किया था।
– उनकी तमिल काव्य कृति “आलापनई” (“Aalapanai”) को वर्ष 1999 में तमिल के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) मिला था। इससे पहले वे इस पुरस्कार के कटु आलोचक थे और कहते थे कि तमिल भाषा के रचनाकारों की जानबूझकर उपेक्षा की जा रही है। हालांकि उनको साहित्य अकादमी मिलने के बाद कई तमिल साहित्यकारों को यह सम्मान मिला।
– उनकी कुछ अन्य प्रमुख कृतियाँ हैं – “पाल वीधि”, “नेयर विरुप्पम”, “पीथन” और “सुत्तु विरन”। इन रचनाओं ने तमिल पाठकों के अलावा तमाम युवा लेखकों के मानस-पटल पर खासा प्रभाव डाला था।
– अब्दुल रहमान के द्रविड मुनेत्र कषगम के(DMK) अध्यक्ष तथा तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि (M. Karunanidhi) से भी काफी निकट सम्बन्ध थे।
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Source:- Nirdeshak.com